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रवि कहानी

अमिताभ चौधरी

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :85
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 474
आईएसबीएन :81-237-3061-6

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नेशनल बुक ट्रस्ट की सतत् शिक्षा पुस्तकमाला सीरीज़ के अन्तर्गत एक रोचक पुस्तक

Ravi kahani - A hindi Book by - amitabh chaudhari रवि कहानी - अमिताभ चौधरी

Ravi kahani - A hindi Book by - amitabh chaudhari रवि कहानी - अमिताभ चौधरी

रवीन्द्रनाथ की पहली छपी हुई किताब ''कवि कहानी'' थी। मैंने उसी की नकल में इस किताबका नाम ''रवि कहानी'' रखा है। रवीन्द्रनाथ सिर्फ कवि ही नहीं, यहां तक कि निबंधकार, उपन्यासकार, कहानीकार ही नहीं थे, वे इन सबसे अलग कुछ और भी थे।इस किताब में मैंने उनके सामाजिक और राजनैतिक विचारों पर बल दिया है। हालांकि उन्होंने अपने बारे में कहा है कि वे सिर्फ एक ''कवि'' ही हैं,लेकिन हम लोग जानते हैं कि यह बात पूरी तरह से सच नहीं है। इसके अलावा साहित्यकार रवीन्द्रनाथ के बारे में न जाने कितना कुछ कहा और लिखा जाताहै, इसीलिए मैंने रवीन्द्रनाथ के एक दूसरे रूप के बारे में ज्यादा जोर दिया है। बचपन से लेकर बुढ़ापे तक इस देश की तरह-तरह की घटनाओं ने उन्हेंप्रभावित किया था, इस बारे में उन्होंने लंबे बयानों और निबंधों के जरिए अपनी राय जाहिर की थी। बचपन में हिन्दू मेला में वे स्वदेशी की जिसविचारधारा से प्रभावित हुए थे, वे जीवन भर उसी का पालन करते रहे। उन दिनों के तीन प्रधान राजनेता-महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सुभाषचंद्र बोससे उनकी काफी निकटता थी। गांधी जी के विचारों से उनका कई बार मतभेद रहा, लेकिन दिल से वे हमेशा उनके साथ रहे। वे जवाहरलाल नेहरू को ''ऋतुराज'' औरसुभाषचंद्र बोस को ''देशनायक'' के नाम से पुकारते थे। मैंने जहां जरूरत समझी है वहां रवीन्द्रनाथ की कुछ किताबों का जिक्र भी किया है। विस्तार सेमैंने उनके बारे में इसलिए नहीं लिखा है क्योंकि अमूमन उनसे सभी परिचित हैं। इस किताब को लिखते समय मैंने प्रभात कुमार मुखर्जी की लिखी''रवीन्द्र जीवनी'' से काफी सहायता ली है। उनका मैं बेहद आभारी हूं। इस पुस्तक को छापने के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट को मैं धन्यवाद देता हूं।


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